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भारतीय संस्कृति में वेलनटाइन डे का कोई स्थान नहीं है, प्यार जब भी किसी से हो जाये तब ही उसको बता दो इसके लिए स्पेशल दिन कोई नहीं हो सकता प्यार एक अहसास है जिसे महसूस किया जा सकता है शब्दों में बयां करना किसी के बस की बात नहीं है, आप जिसे चाहते है उसकी सब तरह से देख भाल करते है , उसको कोई दुःख न पहुंचे, इसका ध्यान रखते है, यही तो प्यार है, हमारे कॉलेज के दिनों में भी प्यार के अफसाने थे,उस ज़माने में मोबाइल फ़ोन नहीं होते थे, सोशल नेट वर्किंग का तो सवाल ही नहीं था, कॉलेज द्वार पर कैंटीन में बैठकर ही इंतज़ार करना पड़ता था, वो आई तो उसके साथ क्लास, वो नहीं आई तो उसका कोई वर्क न छूट जाये इसलिए क्लास, ताकि क्लास वर्क लेने के लिए कुछ समय तो पास बैठे, वो समय आप भूल नहीं सकते जब उनको हवा भी छू कर जाती थी तो हवा भी दुश्मन लगती थी, कोई और बात कर ले तो जब तक पता न चले की क्या बात की है बैचैन मन परेशान रहता था, उस प्यार में सेक्स कही नहीं था, बस वो सामने बैठे रहे और हम देखते रहे, उनकी हर इच्छा को पूरे कॉलेज की इच्छा बनाकर दम लेना ही सबसे बड़ा काम होता था, काश वो दिन लौट कर आ सकते, लेकिन उन दिनों की यादे आज भी दिल को राहत देती है, तपती दोपहर के बाद काली बदली के साथ बारिश की ठंडी बूंदों सा वो अहसास……. हिंदी फिल्म का वो गाना सिर्फ अहसास है ये रूह से महसूस करो, प्यार को प्यार ही रहने दो कोई नाम न दो..
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